भारत में पहली आईटी कम्पनी की स्थापना करने वाले अजीम प्रेमजी की सफलता की कहानी


देश विदेश में आईटी कंपनियों का मार्किट काफी बढ़ चूका है। आज के समय में कई युवा आईटी कंपनियों में कार्य कर रहे है। भारत में भी आईटी कंपनियों क्षेत्र तेजी से विकास के दौर से गुजर रहा है। देश में कई ऐसी आईटी कंपनियां, है जो कैंपस रिक्रूटमेंट के जरिए युवा कर्मचारियों को रोजगार देता है। तो वही कई आईटी कंपनियां काफी एक्सपीरियंस मांगती है। देश के कई युवा आईटी कंपनियों में नौकरी करना चाहते है। आईटी में नौकरी के अंतहीन अवसर है, इसलिए लोग अक्सर नौकरी बदल कर, और यहां तक ​​कि करियर बदल कर आईटी कंपनी को ज्वाइन करते है। 

आज भारत में कई सारी आईटी कंपनियों अपनी जगह बना ली है। पर क्या आपको पता है भारत में सबसे पहली आईटी कंपनी कौन सी थी। आज युवाओ में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध आईटी सेक्टर वीपरों हमारे देश की सबसे पहली आईटी कंपनी बनी थी। इस लेख के द्वारा आइये जानते है वीपरों के बारे में और गहराई से।  

अजीम प्रेमजी का प्रारंभिक जीवन

24 जुलाई 1945, को मुंबई में जन्मे अज़ीम हाशिम प्रेमजी एक भारतीय उद्योगपति है। वह भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी वीपरों के अध्यक्ष हैं। वीपरों आज भारत की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है, जो सूचना प्रौद्योगिकी, परामर्श और व्यवसाय प्रक्रिया सेवाएं प्रदान करती है। अजीम प्रेमजी के पिता एम एच प्रेमजी एक प्रसिद्ध व्यवसायी थे। अजीम प्रेमजी को अपनी आगे की पढाई के लिए उनके पिता ने उनको अमेरिका भेज दिया था। 

1966 में, पिता के आकस्मिक निधन के बाद वेस्टर्न इंडियन वेजिटेबल प्रोडक्ट्स लिमिटेड का प्रभार अजीम प्रेमजी ने संभाला। कुछ समय बाद अजीम प्रेमजी ने अपनी कंपनी का पूरा ध्यान आईटी और कंप्यूटिंग सेक्टर की तरफ लगा दिया। इसके बाद में कमपनी का नाम भी बदल कर विप्रो लिमिटेड किया गया। अजीम प्रेमजी का विवाह यास्मीन के साथ हुआ था और उनके दो बच्चे है।

एक तेल बेचने वाली कंपनी बदली आईटी सेक्टर में 

वीपरों की स्थापना 29 दिसम्बर 1945 को मुंबई में हुई थी। भारत की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी विप्रो सूचना प्रौद्योगिकी, परामर्श और व्यवसाय प्रक्रिया सेवाएं प्रदान करती है। वीपरों के वर्तमान अध्यक्ष अजीम प्रेमजी के पिता मुहम्मद हाशिम प्रेमजी ने इस कंपनी की शुरुआत ‘वेस्टर्न इंडियन वेजिटेबल प्रोडक्ट्स लिमिटेड’ नाम से की थी। जब विप्रो लिमिटेड की शुरुआत हुई थी तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह कंपनी एक आईटी सेक्टर बन जाएगी। प्रारम्भ में यह कंपनी वनस्पति और ताड़ के परिष्कृत तेल का उत्पादन करती थी। और आज वर्तमान में विप्रो आईटी समाधान और सेवाएं प्रदान करता है। 1970 और 1980 के दशक के दौरान, वीपरों ने अपना रुख आईटी और कंप्यूटिंग सेक्टर की ओर कर दिया। अजीम प्रेमजी के द्वारा 1982 में कंपनी का नाम वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल प्रोडक्ट्स लिमिटेड से बदलकर लिमिटेड कर दिया गया। 

क्या है विप्रो ?

भारत में सबसे प्रशिद्ध और प्रतिष्ठित आईटी कंपनी विप्रो लिमिटेड की शुरुवात मुहम्मद हाशिम प्रेमजी ने की थी। उन्होंने महाराष्ट्र में ‘वेस्टर्न इंडियन वेजिटेबल प्रोडक्ट्स लिमिटेड’ की स्थापना की, जिसका बाद में नाम परिवर्तन कर विप्रो लिमिटेड किया गया था। कंपनी अपने शरुआती दौर में वनस्पति और ताड़ के परिष्कृत तेल काऔर कपड़े धोने के साबुन ’787’ का उत्पादन करती थी। आज वही विप्रो लिमिटेड पूरी दुनिया में सबसे फेमस आईटी कंपनियों में से एक बन चुकी है। इसमें सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन डेवलपमेंट और मेंटेनेंस, रिसर्च और डेवलपमेंट सर्विसेज के साथ सूचना प्रणाली आउटसोर्सिंग का कार्य भी शामिल है। 

अजीम प्रेमजी फाउंडेशन

वीपरों के अध्यक्ष अजीम प्रेमजी ने 2001 में ‘अजीम प्रेमजी फाउंडेशन’ की स्थापना की। यह फाउंडेशन देश के 10 लाख से ज्यादा सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र काम करता है। 2010 में उन्होंने देश में स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए करीब दो अरब डॉलर का दान दिया और बाद में साल 2013 में उन्होंने अपनी दौलत का 25 फीसदी दान में दे दिया। 


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